“कवर्धा कांड 2024: लोहारीडीह गांव की आगजनी और हिंसा का सच!”

कवर्धा कांड 2024: लोहारीडीह में हिंसा और आगजनी का दर्दनाक मंजर

कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया।

"कवर्धा कांड 2024: लोहारीडीह गांव की आगजनी और हिंसा का सच!"
“कवर्धा कांड 2024: लोहारीडीह गांव की आगजनी और हिंसा का सच!”

पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के घर को आक्रोशित ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप एक अनजान व्यक्ति की मौत हो गई। इस घटना की शुरुआत तब हुई, जब गांव के युवक शिवप्रसाद साहू की लाश सुबह फंदे से लटकी हुई पाई गई। इस मौत के पीछे एक संपत्ति विवाद बताया जा रहा है, जिसके चलते गांव में हिंसा भड़क उठी।

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मामला कैसे बढ़ा?

लोहारीडीह गांव के शिवप्रसाद साहू की मौत से गांव में तनाव बढ़ गया। जब उसकी लाश मध्य प्रदेश सीमा पर फंदे से लटकी मिली, तो ग्रामीणों ने इस घटना के लिए रघुनाथ साहू और उनके परिवार को जिम्मेदार ठहराया। इस विवाद की जड़ में शिवप्रसाद और रघुनाथ के परिवार के बीच चल रहा संपत्ति का विवाद था। गुस्साए ग्रामीणों ने रघुनाथ के घर पर हमला किया और पेट्रोल डालकर घर में आग लगा दी।

पुलिस और प्रशासन की स्थिति

जब इस हिंसा की जानकारी मिली, तो कवर्धा पुलिस और एसपी अभिषेक पल्लव घटनास्थल पर पहुंचे। हालांकि, गुस्साई भीड़ ने उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया और उन पर पथराव भी किया गया, जिसमें एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस को गांव में शांति स्थापित करने के लिए अतिरिक्त बल भेजना पड़ा।

500 पुलिसकर्मियों की तैनाती

घटना के बाद लोहारीडीह गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। लगभग 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इस बीच, हिंसा में शामिल 80 से अधिक ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया है, और पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से अन्य आरोपियों की पहचान कर रही है।

भारी नुकसान और एक जली हुई लाश

रघुनाथ साहू के घर को पूरी तरह से जला दिया गया, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। घटना के बाद मकान से एक जली हुई लाश बरामद हुई है, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। परिवार के अन्य सदस्यों को सकुशल बचा लिया गया, लेकिन एक सदस्य अभी भी लापता है।

पुलिस कार्रवाई और भविष्य की योजना

पुलिस उपाधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल ने इस घटना को आपसी विवाद का परिणाम बताया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। वहीं, आईजी दीपक झा ने भी घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस को निर्देश दिया कि इस तरह की हिंसा को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

समाप्ति

कवर्धा कांड 2024 एक ऐसी घटना है, जिसने समाज में फैले आपसी विवाद और हिंसा की भयावहता को उजागर किया है। यह घटना सिर्फ एक गांव या जिला तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि आपसी संवाद और कानूनी उपायों के बिना विवाद का समाधान संभव नहीं है। पुलिस और प्रशासन की तत्परता से स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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