दिल्ली UPSC कोचिंग सेंटर हादसा: विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया और दृष्टि आईएएस सीलिंग का पूरा मामला

दिल्ली UPSC कोचिंग सेंटर हादसा: विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया और दृष्टि आईएएस सीलिंग का पूरा मामला

परिचय

दिल्ली UPSC कोचिंग सेंटर हादसा: विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया और दृष्टि आईएएस सीलिंग का पूरा मामला, दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित Rau’s IAS Study Circle के बेसमेंट में हुई त्रासदी, जिसमें तीन UPSC छात्रों की मौत हो गई, ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। इस घटना के बाद से छात्रों में उबाल है, और कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस लेख में, हम इस हादसे के मुख्य पहलुओं, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया, और दिल्ली नगर निगम द्वारा दृष्टि आईएएस समेत अन्य कोचिंग सेंटर्स की सीलिंग के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

दिल्ली UPSC कोचिंग सेंटर हादसा: विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया और दृष्टि आईएएस सीलिंग का पूरा मामला
दिल्ली UPSC कोचिंग सेंटर हादसा: विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया और दृष्टि आईएएस सीलिंग का पूरा मामला

हादसे की पृष्ठभूमि: Rau’s IAS Study Circle में क्या हुआ?

राजेंद्र नगर में स्थित Rau’s IAS Study Circle के बेसमेंट में भारी बारिश के कारण पानी भर गया था, जिससे तीन UPSC छात्रों की मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे UPSC समुदाय को झकझोर कर रख दिया, और छात्रों में भय और आक्रोश की लहर दौड़ गई। इस हादसे के बाद, कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा व्यवस्था और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे।

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया

प्रारंभिक प्रतिक्रिया और देरी के लिए माफी

हादसे के बाद, छात्रों और मीडिया ने दृष्टि आईएएस के संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा की। उन्होंने हादसे पर देरी से प्रतिक्रिया देने के लिए माफी मांगी, और कहा कि वे अनावश्यक अटकलों से बचना चाहते थे। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि वे तीनों छात्रों की मौत से गहरे सदमे में हैं और उनके परिवारों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं।
प्रेस विज्ञप्ति

तिथि- 30 जुलाई, 2024

शनिवार (27 जुलाई) को राजिंदर नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान की बेसमेंट में हुई त्रासद घटना तथा उसके बाद बनी परिस्थितियों पर टीम दृष्टि का पक्ष निम्नलिखित है:

1) हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। वस्तुतः हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें। इस देरी के लिये हम हृदय से क्षमाप्रार्थी हैं।

2) शनिवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें 3 विद्यार्थियों श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय व दर्दनाक मृत्यु हुई, पर हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम तीनों बच्चों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवारजनों को यह अपूरणीय क्षति झेलने का हौसला प्रदान करें।

3) इन बच्चों के परिवारों से हमारा प्रत्यक्ष परिचय नहीं है किंतु दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह उनके साथ हैं। यदि हम किसी भी तरह उनके लिये कुछ कर सकेंगे तो कृतज्ञता महसूस करेंगे।

4) इस दुर्घटना को लेकर विद्यार्थियों में जो रोष दिख रहा है, वह पूरी तरह न्यायसंगत है। बहुत अच्छा होगा यदि इस रोष को सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिये निश्चित दिशानिर्देश लागू करे। इस संबंध में हम सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने को तत्पर हैं।

5) कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं। इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं। डीडीए, एमसीडी तथा दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। इसी तरह, ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’, ‘नैश्नल बिल्डिंग कोड’, ‘दिल्ली फायर रूल्स’ और ‘यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़’ के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है। ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’ को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं दिये गए हैं। आशा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा।

6) हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है। वर्तमान में हमारी मैनेजमेंट में ‘फायर एन्ड सेफ्टी ऑफिसर’ का विशेष पद है जिस पर कार्यरत अधिकारी नैशनल फायर सर्विस कॉलेज (नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 वर्षों तक यही कार्य कर चुके हैं। वे प्रत्येक भवन का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक भवन के लिये एक-एक अधिकारी की ज़िम्मेदारी होती है कि वह रोज़ सुरक्षा के 16 बिंदुओं को चेक करे और इसकी सूचना ‘बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप’ पर अपडेट करे। हमारे क्लासरूम जिन भी भवनों में हैं, उनमें आने-जाने के लिये कम से कम दो रास्ते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें।

7) दिल्ली नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई व्यापक कार्रवाई स्वागतयोग्य है।

8) इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिये नियत करे। अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की।

9) इस विषय की जटिलताओं को स्पष्ट करने के लिये हम जल्दी ही एक विस्तृत विश्लेषण (लेख या वीडियो) जारी करेंगे ताकि सभी विद्यार्थियों व अन्य हितधारकों को भी सभी पक्षों का अनुमान हो सके। हमें विश्वास है कि जब सारे पक्ष सामने होंगे, तब समाधान की सही राह निकलेगी।

10) एक बार फिर, यदि जाने-अनजाने में हमारी टीम से कोई चूक हुई है तो हम उसके लिये पुनः खेद व्यक्त करते हैं। अब हम विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर और ज़्यादा सतर्क रहने का भरोसा दिलाते हैं।

हार्दिक आभार,
विकास दिव्यकीर्ति

सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता और नियमों की अस्पष्टता

विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि उनकी टीम छात्रों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है। उन्होंने यह भी बताया कि दृष्टि आईएएस के सभी क्लासरूम्स में आने-जाने के लिए कम से कम दो रास्ते हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी हो सके। उन्होंने कोचिंग सेंटरों के लिए नियमों में स्पष्टता की कमी की ओर इशारा किया और कहा कि डीडीए, एमसीडी, और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। उन्होंने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति से समाधान की अपेक्षा की।

नगर निगम द्वारा दृष्टि आईएएस की सीलिंग

मुखर्जी नगर में दृष्टि आईएएस के एक सेंटर को दिल्ली नगर निगम द्वारा सील कर दिया गया। निगम ने कहा कि सेंटर दिल्ली मास्टर प्लान-2021 का उल्लंघन करता है, और उसके पास फायर डिपार्टमेंट से NOC नहीं था। विकास दिव्यकीर्ति ने नगर निगम की कार्रवाई को स्वागतयोग्य बताया, लेकिन सेंटर को सील करने के कारणों पर कोई विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं दिया।

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कोचिंग सेंटरों के लिए सरकारी नियमों की मांग

विकास दिव्यकीर्ति ने कोचिंग संस्थानों के लिए निश्चित दिशानिर्देश लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिए नियत करना चाहिए। इससे न केवल किराए की समस्या का समाधान होगा, बल्कि सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की भी पूर्ति होगी।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया और छात्रों का आक्रोश

सोशल मीडिया पर विकास दिव्यकीर्ति की देरी से प्रतिक्रिया को लेकर छात्रों में नाराजगी देखने को मिली। कई छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और विकास दिव्यकीर्ति की चुप्पी पर सवाल उठाए। कुछ छात्रों ने “मिसिंग” पोस्टर्स भी शेयर किए, जिसमें विकास दिव्यकीर्ति की तस्वीर के साथ उनके चुप रहने पर कटाक्ष किया गया।

दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई और सुरक्षा के मुद्दे

दिल्ली नगर निगम ने हादसे के बाद मुखर्जी नगर के कई अन्य कोचिंग सेंटरों को भी सील किया। यह कार्रवाई सुरक्षा नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ की गई थी। निगम के अनुसार, इन कोचिंग सेंटरों में से कई ने फायर सेफ्टी और अन्य जरूरी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया था।

Rau’s IAS और दृष्टि आईएएस के छात्रों का भविष्य

इस हादसे और उसके बाद की घटनाओं ने छात्रों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। Rau’s IAS और दृष्टि आईएएस के छात्रों को इस घटना के बाद पढ़ाई में व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है। कई छात्रों ने अपनी पुस्तकें और नोट्स कोचिंग सेंटरों में छोड़ दिए थे, जो अब सील हो गए हैं। UPSC मेन्स एग्जाम के नजदीक आते ही छात्रों में तनाव बढ़ रहा है।

दिल्ली UPSC कोचिंग सेंटर हादसा: विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया और दृष्टि आईएएस सीलिंग का पूरा मामला

निष्कर्ष: कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा और छात्रों की भविष्य की राह

दिल्ली के इस हादसे ने कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति और अन्य शिक्षा विशेषज्ञों ने कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट नियमों की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस घटना ने छात्रों और उनके अभिभावकों को भी सतर्क कर दिया है, और कोचिंग सेंटरों के प्रति उनकी दृष्टि को भी बदल दिया है।

आवश्यकता इस बात की है कि सरकार और प्रशासनिक निकाय इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और कोचिंग सेंटरों के लिए सख्त और स्पष्ट नियम बनाएं। इसके साथ ही, कोचिंग सेंटरों को भी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए और छात्रों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखना चाहिए।

इस घटना के बाद, उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी और संस्थान इस मामले की जांच करेंगे और उचित कदम उठाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। छात्रों और उनके परिवारों के लिए यह समय कठिन है, और यह आवश्यक है कि उन्हें आवश्यक समर्थन और सहायता प्रदान की जाए।

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