छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या

छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या

छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में स्थित भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में एक 21 वर्षीय महिला मेडिकल छात्रा ने आत्महत्या कर ली। राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली केसर गोदारा, जो MBBS की अंतिम वर्ष की छात्रा थीं, को उनके कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया।

छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या
छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या

घटना की जानकारी

लालबाग पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर, नवरत्न कश्यप के अनुसार, केसर गोदारा का शव गुरुवार को उनके छात्रावास के कमरे में पाया गया। पुलिस ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और मामले की जांच जारी है। छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या,

कॉलेज के डीन, डॉ. रेनुका गाहिने ने कहा कि गोदारा की मित्रों ने उनकी अनुपस्थिति को नोटिस किया, जब वह एक आंतरिक परीक्षा में उपस्थित नहीं हुईं। उनके मित्रों ने कई बार दरवाजा खटखटाया और आवाज़ लगाई, लेकिन जब अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने एक सुरक्षा गार्ड को बुलाया। गार्ड ने खिड़की से झांककर देखा और पाया कि केसर गोदारा पंखे से लटकी हुई थीं। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया।

पिछले मामलों की तुलना

इस घटना ने हाल ही में राजस्थान के कोटा में हुए एक अन्य आत्महत्या के मामले की याद ताजा कर दी है, जहां 16 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र संदीप कुमार कुर्मी ने भी पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले संदीप, जेईई (JEE) की तैयारी के लिए कोटा के एक कोचिंग संस्थान में दाखिल थे और महावीर नगर-III, कोटा जिले में एक पीजी (PG) कमरे में रहते थे। उनके एक सहपाठी ने सुबह के समय संदीप के कमरे में झांककर देखा और उन्हें पंखे से लटका पाया। पुलिस के अनुसार, संदीप की आत्महत्या 3 जुलाई की रात और 4 जुलाई की सुबह के बीच हुई थी। यहां भी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था।

यह भी पढ़ें

कोटा में छात्र ने की आत्महत्या: 2024 में 13वीं घटना, JEE और NEET की तैयारी का दवाब बढ़ रहा संकट

आत्महत्या की घटनाओं का बढ़ता ग्राफ

हाल के वर्षों में छात्रों के बीच आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली है। विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते शैक्षणिक दबाव, भविष्य की अनिश्चितता, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं। इन मामलों ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और परामर्शदाताओं की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को छात्रों की मानसिक स्थिति पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

परिवार और समुदाय पर असर

केसर गोदारा और संदीप कुमार कुर्मी की आत्महत्याओं ने उनके परिवारों और समुदायों में शोक और दुख का माहौल बना दिया है। इन घटनाओं ने शिक्षा प्रणाली में सुधार और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को भी उजागर किया है। यह समय है कि शैक्षणिक संस्थान, सरकार, और समाज मिलकर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान दें और छात्रों के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करें।

निष्कर्ष: छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या 

केसर गोदारा और संदीप कुमार कुर्मी की आत्महत्याओं ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का कितना अभाव है। इन दुखद घटनाओं से सबक लेकर हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी संवेदनशीलता बढ़ाने की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और समर्थन के माध्यम से ही हम ऐसे दुखद घटनाओं को रोक सकते हैं और हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण बना सकते हैं।

1 thought on “छत्तीसगढ़: राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया आत्महत्या”

Leave a Comment