विनेश फोगाट का ओलंपिक विवाद: वजन की वजह से अयोग्य करार, रिटायरमेंट की घोषणा और कुश्ती में बदलाव की मांग
विनेश फोगाट, जिन्होंने भारत के लिए कुश्ती में कई प्रतिष्ठित पदक जीते हैं, एक नाटकीय 24 घंटों के भीतर पेरिस ओलंपिक्स 2024 में स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गईं। इस घटना ने भारतीय कुश्ती जगत में एक भूचाल पैदा कर दिया है।
विनेश फोगाट का ओलंपिक से अयोग्यता
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक्स 2024 में 50 किलोग्राम भार वर्ग के स्वर्ण पदक के मुकाबले में हिस्सा लेने से अयोग्य करार दिया गया। इसके पीछे का कारण यह था कि वह निर्धारित वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक थीं।
यह फैसला तब आया जब दूसरी दिन के वजन जांच में उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया। पहले दिन की वजन जांच में वह सीमा के अंदर थीं, लेकिन दूसरे दिन उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
युसनेलिस गूजमान लोपेज़ को स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला
विनेश फोगाट की अयोग्यता के बाद, क्यूबा की युसनेलिस गूजमान लोपेज़, जिन्हें विनेश ने सेमीफाइनल में हराया था, को स्वर्ण पदक के मुकाबले के लिए बुलाया गया। हालांकि, लोपेज़ को अमेरिकी पहलवान सारा हिल्डेब्रांट ने 3-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि लोपेज़ को रजत पदक मिला।
विनेश फोगाट का रिटायरमेंट
अयोग्यता के इस फैसले के कुछ ही घंटों बाद, विनेश फोगाट ने ट्विटर पर अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। उन्होंने ट्वीट किया, “माँ, मुझे माफ़ कर दो। कुश्ती ने मुझे हरा दिया, मैंने हार मान ली है।
तुम्हारे सपने और मेरी हिम्मत टूट गई हैं। मेरे पास लड़ने की ताकत नहीं है।” इस घोषणा ने उनके समर्थकों और प्रशंसकों को झकझोर कर रख दिया।
भारतीय ओलंपिक संघ का प्रयास
विनेश फोगाट की अयोग्यता के बाद, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की। लेकिन इस अपील के बावजूद, विनेश को अयोग्य करार दिए जाने का फैसला बरकरार रखा गया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनेश फोगाट की इस घटना पर दुख व्यक्त किया और उन्हें “चैंपियन ऑफ चैंपियंस” कहा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “शब्दों में वह निराशा व्यक्त नहीं कर सकता जो मैं महसूस कर रहा हूं।” रियो ओलंपिक्स की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा, “अगर संभव होता तो मैं अपना पदक विनेश को दे देती।” टोक्यो ओलंपिक्स के पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा, “पूरा देश अपने आँसू नहीं रोक पा रहा है।”
वजन बढ़ने की वजह और दो-दिन की वजन जांच प्रणाली
विनेश फोगाट के वजन बढ़ने की वजह से उनकी अयोग्यता ने कई सवाल खड़े किए हैं। यह बताया गया कि फोगाट पहले दिन वजन सीमा के अंदर थीं, लेकिन अगले दिन उनका वजन करीब दो किलोग्राम बढ़ गया। उन्होंने पूरी रात वजन घटाने की कोशिश की, लेकिन फिर भी वह निर्धारित सीमा से कुछ ग्राम अधिक थीं। कुश्ती के नियमों के अनुसार, खिलाड़ियों को दोनों दिन वजन सीमा के अंदर रहना आवश्यक है।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का बयान
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने विनेश फोगाट की अयोग्यता के बाद अपनी दो-दिन की वजन जांच प्रणाली का समर्थन किया। UWW के अध्यक्ष ने कहा कि यह नियम खिलाड़ियों की सेहत और भलाई को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। उन्होंने कहा, “अगर हम 100 ग्राम की अनुमति देते हैं, तो फिर 200 ग्राम की अनुमति भी मांगी जाएगी। इसका कोई अंत नहीं है।”
भारतीय कुश्ती जगत में बदलाव की मांग
विनेश फोगाट की अयोग्यता और रिटायरमेंट के बाद, भारतीय कुश्ती जगत में बड़े बदलाव की मांग उठी है। साक्षी मलिक और अन्य खिलाड़ियों ने विनेश के समर्थन में आवाज उठाई और कहा कि यह केवल विनेश की नहीं,
बल्कि पूरे देश की हार है। विनेश फोगट की जो कमिया है वह बहोत ही ना के बराबर है इसके चलते भारत सरकार को नियमो में बदलाव करना चाहिए तथा किसी जाती धर्म के आधार पर कसी को नाकारा नहीं जाना चाहिए
विनेश फोगाट की संघर्ष यात्रा
विनेश फोगाट का कुश्ती में सफर संघर्ष और सफलता से भरा रहा है। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया और पदक जीते। उनके संघर्ष की कहानी और मेहनत ने उन्हें भारतीय कुश्ती में एक विशेष स्थान दिलाया है। विनेश फोगट भारत की महिला रेश्लर को भोत सरे बेइज्जती सहना पढ़ा रोड में पॉलीशो दुवारा घसीटा गया
Conclusion
विनेश फोगाट का ओलंपिक से अयोग्यता और उसके बाद रिटायरमेंट की घोषणा ने भारतीय कुश्ती जगत को हिला कर रख दिया है। उनकी इस घटना ने खिलाड़ियों की सेहत और भलाई को ध्यान में रखते हुए नियमों के पालन की महत्वपूर्णता को उजागर किया है। विनेश फोगाट का योगदान भारतीय कुश्ती में अमूल्य है और उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
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