भारत का बजट 2024: 23 जुलाई को निराशाजनक बजट प्रस्तुति हो सकता है

भारत का बजट 2024: 23 जुलाई को निराशाजनक बजट प्रस्तुति हो सकता है 

भारत के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट की तैयारी के अंतिम चरण की शुरुआत आज नई दिल्ली में पारंपरिक हलवा समारोह के साथ हुई। इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी उपस्थित थे। हर साल की तरह, बजट तैयारी प्रक्रिया के ‘लॉक-इन’ चरण से पहले हलवा समारोह का आयोजन किया गया। इस बार का बजट 23 जुलाई, 2024 को प्रस्तुत किया जाएगा।

बजट की तैयारी: अंतिम चरण की शुरुआत

भारत का बजट 2024: 23 जुलाई को निराशाजनक बजट प्रस्तुति हो सकता है, हलवा समारोह ने बजट की तैयारी के अंतिम चरण की शुरुआत की।

भारत का बजट 2024: 23 जुलाई को निराशाजनक बजट प्रस्तुति हो सकता है
भारत का बजट 2024: 23 जुलाई को निराशाजनक बजट प्रस्तुति हो सकता है

इस दौरान, सभी बजट दस्तावेज, जिनमें वार्षिक वित्तीय विवरण, अनुदान मांगें, वित्त विधेयक आदि शामिल हैं, “यूनियन बजट मोबाइल ऐप” पर उपलब्ध होंगे। इस ऐप को संसद सदस्य और आम जनता आसानी से उपयोग कर सकेंगे। यह ऐप द्विभाषी (अंग्रेजी और हिंदी) है और एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। बजट के भाषण के बाद ये दस्तावेज मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होंगे।

मध्यवर्गीय भारत की कर शिकायतों पर ध्यान देंगी निर्मला सीतारमण?

बजट 2024-25 के आने के साथ ही, यह उम्मीद की जा रही है कि यह बजट मध्यवर्गीय भारत की सबसे बड़ी कर शिकायतों को संबोधित करेगा।

भारत का बजट 2024: 23 जुलाई को निराशाजनक बजट प्रस्तुति हो सकता है

वर्तमान में, स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000 है जो 2018 से अपरिवर्तित है। बढ़ती महंगाई और जीवनयापन की लागत को देखते हुए, इस डिडक्शन को ₹1 लाख तक बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है। लोकेश शाह और गौरव गोयल ने कहा है कि बढ़ती महंगाई के कारण इस डिडक्शन की सीमा को बढ़ाने की जरूरत है।

वित्तीय सुधारों की उम्मीदें: बजट 2024-25 में संभावित बदलाव

बजट 2024-25 में कई महत्वपूर्ण सुधारों की उम्मीद की जा रही है।

केपीएमजी के अनुसार, स्टैंडर्ड डिडक्शन को दोगुना करना, आवास ऋण पर ब्याज की कर छूट बढ़ाना, और पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को सरल बनाना कुछ महत्वपूर्ण सुधार हो सकते हैं। इसके अलावा, नई कर व्यवस्था के तहत मूल कर छूट सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की मांग भी है।

मध्यवर्गीय राहत: स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की उम्मीद

भारत का बजट 2024: 23 जुलाई को निराशाजनक बजट प्रस्तुति हो सकता है, मध्यवर्गीय लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की उम्मीद है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके। बढ़ती चिकित्सा लागत और ईंधन की कीमतों को देखते हुए, यह वृद्धि आवश्यक है। स्टैंडर्ड डिडक्शन एक साधारण कटौती है जो बिना किसी अतिरिक्त प्रकटीकरण या निवेश प्रमाण के दी जाती है। केपीएमजी ने सुझाव दिया है कि यह डिडक्शन ₹1 लाख तक बढ़ाई जानी चाहिए, जिससे मध्यवर्गीय लोगों को आवश्यक वित्तीय राहत मिलेगी।

आवास ऋण पर ब्याज छूट: बढ़ाने की आवश्यकता

आवास ऋण पर ब्याज की छूट को कम से कम ₹3 लाख तक बढ़ाने की आवश्यकता है। यह बदलाव रियल एस्टेट सेक्टर को समर्थन देगा, जो बढ़ती ब्याज दरों और नियामक सुधारों के कारण दबाव में है।

पूंजीगत लाभ कर: प्रणाली को सरल बनाना

भारत की पूंजीगत लाभ कर संरचना जटिल है, जिसमें विभिन्न संपत्तियों के लिए अलग-अलग दरें हैं। इसे सरल बनाकर, होल्डिंग अवधि और कर दरों के संदर्भ में एक समान पूंजीगत लाभ कर संरचना प्रदान की जा सकती है। इससे कर कोड को सरल बनाने के सरकार के उद्देश्य के साथ तालमेल बिठाया जा सकता है।

वित्त मंत्री की चुनौतियाँ: बजट 2024-25

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने कई चुनौतियाँ हैं। मौजूदा आर्थिक वास्तविकताओं को देखते हुए, उन्हें ऐसे उपायों की घोषणा करनी होगी जो आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दें और साथ ही करदाताओं को राहत प्रदान करें। बजट 2024-25 के लिए उम्मीदें उच्च हैं, खासकर यह देखते हुए कि यह नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट है।

वित्तीय घाटे का लक्ष्य: संभावित कमी

सरकार का लक्ष्य है कि आगामी बजट में वित्तीय घाटे के लक्ष्य को 5.1 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत से कम किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में कल्याणकारी उपायों पर अतिरिक्त ध्यान देने की संभावना है, लेकिन संसाधनों का आवंटन राज्य सरकारों के योगदान के साथ किया जाएगा।

बजट 2024 की मुख्य बातें

  • बजट की प्रस्तुति तिथि: 23 जुलाई, 2024
  • वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण
  • राज्य वित्त मंत्री: पंकज चौधरी
  • मुख्य सुधारों की उम्मीदें: स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि, आवास ऋण पर ब्याज छूट, पूंजीगत लाभ कर प्रणाली का सरलीकरण
  • मुख्य मुद्दे: मध्यवर्गीय करदाताओं की राहत, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा, वित्तीय घाटे का लक्ष्य

बजट की प्रस्तुति: एक महत्वपूर्ण अवसर

23 जुलाई, 2024 को प्रस्तुत होने वाला बजट केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह बजट न केवल आर्थिक सुधारों की दिशा में एक कदम होगा, बल्कि यह मध्यवर्गीय लोगों के लिए राहत और उम्मीदें भी लेकर आएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम के सामने कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा और गति देने में सफल होगा।

बजट 2024: निष्कर्ष

भारत का बजट 2024-25 कई उम्मीदों और चुनौतियों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। यह बजट न केवल आर्थिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, बल्कि यह मध्यवर्गीय लोगों के लिए राहत और उम्मीदें भी लेकर आएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा और गति देने में सफल होगा।

आखिरकार, यह बजट भारतीय जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा। हमें देखना होगा कि यह बजट कितना सफल होता है और भारतीय अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाता है। बजट 2024-25 निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण अवसर है, और इसके प्रभाव को आने वाले वर्षों में देखा जाएगा।

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