कोटा में छात्र ने की आत्महत्या: 2024 में 13वीं घटना, JEE और NEET की तैयारी का दवाब बढ़ रहा संकट
कोटा में एक और छात्र आत्महत्या का शिकार
कोटा, राजस्थान का वह शहर जिसे कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है, फिर एक बार दुखद समाचार का गवाह बना। बिहार के नालंदा से आए 16 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र संदीप कुमार कुरमी ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली। इस घटना ने 2024 में कोटा में छात्र आत्महत्या के मामलों की संख्या 13 कर दी है।
बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले संदीप कुमार कुर्मी पिछले दो सालों से कोटा में जेईई परीक्षा के लिए कोचिंग में पढ़ाई कर रहा था। वो महावीर नगर – iii में एक पेइंग गेस्ट (पीजी) कमरे में रहता था। इस साल कोटा में आत्महत्या का ये 13वां मामला है।
JEE Aspirant 2024: संदीप का संघर्ष और दुखद अंत
संदीप कुमार कुरमी पिछले दो वर्षों से कोटा में JEE की तैयारी कर रहे थे। वे महावीर नगर क्षेत्र में एक पीजी में रहते थे। उनके सहपाठी ने सुबह 7 बजे उन्हें उनके कमरे में मृत पाया। इस दुखद घटना की सूचना तुरंत पीजी के केयरटेकर ने पुलिस को दी, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
NEET Aspirant भाई और परिवार की स्थिति
संदीप का भाई संजीत भी कोटा में NEET की तैयारी कर रहा है और डाडाबाड़ी क्षेत्र में अलग पीजी में रहता है। दोनों भाइयों ने चार साल पहले अपने माता-पिता को खो दिया था और उनके चाचा ही उनके संरक्षक हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद संदीप का शव संजीत को सौंप दिया गया।
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कोटा में छात्र आत्महत्या के बढ़ते मामले
2024 में यह कोटा में 13वीं छात्र आत्महत्या का मामला है। कोटा, जो एक समय में छात्रों के सपनों को पंख देने वाला शहर माना जाता था, अब लगातार आत्महत्याओं की घटनाओं के कारण सवालों के घेरे में है।
sucide note of sandep kurmi from kota
कानून और सुरक्षा: पीजी में एंटी-सुसाइड डिवाइस का अभाव
पुलिस जांच में यह भी पाया गया कि जिस पीजी में संदीप रह रहे थे, वहां छत के पंखे पर एंटी-सुसाइड डिवाइस नहीं लगा था। जिला प्रशासन ने सभी होस्टल और पीजी में एंटी-सुसाइड डिवाइस लगाना अनिवार्य किया है, लेकिन इस मामले में यह नियम का पालन नहीं हुआ था।
कोटा के कोचिंग संस्थानों का दबाव
कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई का दबाव, प्रतियोगी परीक्षाओं की कठिनाइयां और परिवार की उम्मीदें छात्रों पर भारी पड़ रही हैं। कई छात्र इन दबावों को सहन नहीं कर पाते और आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठा लेते हैं।
छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी
छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। कोटा में लगातार हो रही आत्महत्याओं ने यह साफ कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की तुरंत आवश्यकता है। कोचिंग संस्थानों और परिवारों को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीजी और होस्टल में एंटी-सुसाइड डिवाइस लगे हों और कोचिंग संस्थानों को छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
संकल्प: छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करना
आवश्यकता है कि हम सभी मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें ताकि कोई और छात्र इस दबाव का शिकार न हो। कोटा के कोचिंग हब को एक सुरक्षित और सकारात्मक स्थान बनाना हमारा प्राथमिक लक्ष्य होना चाहिए।
कोटा में छात्र ने की आत्महत्या: 2024 में 13वीं घटना, JEE और NEET की तैयारी का दवाब बढ़ रहा संकट : संदीप की आत्महत्या एक चेतावनी
संदीप कुमार कुरमी की आत्महत्या एक और चेतावनी है कि हमें तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में कोई भी छात्र इस तरह का कदम न उठाए और सभी छात्रों को एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिले।
कोटा में हो रही इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें अपने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। हमें उन्हें यह विश्वास दिलाना होगा कि वे अकेले नहीं हैं और हर मुश्किल घड़ी में हम उनके साथ हैं।
इस दुखद घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि हमारे छात्रों की भलाई और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर एक ऐसा माहौल बनाएं जहां हर छात्र अपने सपनों को सुरक्षित और सकारात्मक रूप से पूरा कर सके।
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