इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नई यात्रा: ममता चंद्राकर से सत्यनारायण राठौर तक

  इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नई यात्रा: ममता चंद्राकर से सत्यनारायण राठौर तक

  प्रस्तावना

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नई यात्रा: ममता चंद्राकर से सत्यनारायण राठौर तक
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नई यात्रा: ममता चंद्राकर से सत्यनारायण राठौर तक

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़, छत्तीसगढ़, ने हाल ही में अपने कुलपति पद से मोक्षदा ममता चंद्राकर को हटाया गया है और उनकी जगह नए कुलपति के रूप में सत्यनारायण राठौर ने इस पद की जिम्मेदारी संभाली है। इस महत्वपूर्ण कदम से जुड़ी अनेक विवादित मुद्दे सामने आए हैं, जो इस विश्वविद्यालय के भविष्य को लेकर बड़े प्रश्नचिन्ह हैं। इस लेख में हम इस परिवर्तन के पीछे की कहानी को समझने की कोशिश करेंगे।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की पूर्व कुलपति मोक्षदा ममता चंद्राकर की यात्रा

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नई यात्रा: ममता चंद्राकर से सत्यनारायण राठौर तक

मोक्षदा ममता चंद्राकर ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उनकी नियुक्ति के बाद से ही उन्होंने कई विवादों का सामना किया। उनके प्रशासनिक फैसलों और विश्वविद्यालय के प्रबंधन के तरीके पर सवाल उठे, जिससे छात्र और संगठनों के बीच विवाद बढ़ गए। उनके कार्यकाल में यूनिवर्सिटी को खैरागढ़ से रायपुर ले जाने का भी प्रस्ताव उठाया गया था, जिसका स्थानीय स्तर पर विरोध हुआ था।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की

नए कुलपति का उद्घाटन

इसी बीच, सत्यनारायण राठौर ने नए कुलपति के रूप में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कमान संभाली हैं। वे एक प्रतिष्ठित IAS अफसर हैं और दुर्ग संभाग के संभाग आयुक्त के पद पर भी कार्यरत हैं। उनकी नई भूमिका के साथ, यह विश्वविद्यालय एक नया युग दर्ज करने के लिए तैयार है।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की

विश्वविद्यालय के प्रमुख मुद्दे

ममता चंद्राकर के कार्यकाल में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुछ मुद्दे बड़े हावी रहे हैं। इनमें से एक विवाद यह रहा कि क्या यूनिवर्सिटी को रायपुर ले जाने का प्रस्ताव अनुचित था या नहीं। स्थानीय निवासियों का मानना था कि इससे यूनिवर्सिटी का ऐतिहासिक महत्व और खैरागढ़ के सांस्कृतिक विरासत को कमजोरी पहुंचेगी। इस मुद्दे ने विश्वविद्यालय के चाहने वाले और विरोधी दोनों पक्षों के बीच दिलचस्प बहस को जन्म दिया।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की

नए कुलपति सत्यनारायण राठौर के विचार

सत्यनारायण राठौर ने अपने पदभार संभालते हुए इस विवादित मुद्दे पर अपने दृष्टिकोण साफ किए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को विकास और मौजूदा टैलेंट को समर्थन देने के लिए उनका पूरा प्रयास रहेगा। उन्होंने यह भी जताया कि विश्वविद्यालय की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हुए, रायपुर में ऑफ कैंपस को ले जाने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की भविष्यवाणी

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के भविष्य को लेकर अनेक सवाल और उम्मीदें हैं। विश्वविद्यालय के उच्चतम प्रबंधन द्वारा इसके विकास और गति में सुनिश्चिती लाने के लिए कठोर प्रयास किए जा रहे हैं। छात्रों, शिक्षकों, और समुदाय के बीच एक स्थिरता और विश्वास का माहौल बनाने के लिए भी उनके प्रयास देखने को मिल रहे हैं।

 समाप्ति

इस लेख में हमने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़, के नए कुलपति सत्यनारायण राठौर की नई यात्रा और विश्वविद्यालय के प्रमुख मुद्दों पर एक नजर डाली है। यह प्रयास उस विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक और शैक्षिक उद्देश्यों को समझने और समर्थन करने का हिस्सा है। आने वाले समय में, हमें देखने को मिलेगा कि कैसे यह विश्वविद्यालय अपने नए अध्यक्ष के साथ अपने विकास की नई ऊंचाइयों को छूता है।

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